कोरोना करता है संधान ,
विश्व भर में फैला ये दैत्य ।
महाद्वीपों में विषाणु बिखेरे,
उत्तर दक्षिण सभी दिशायें,
पूरब पश्चिम तक फैलाव ।
राष्ट्र और संस्कृतियां हों जख्मी,
भांति भांति व्याख्या ये करतीं ।
ये क्रूर मत्त , मन से कलुषित ,
करता छिप छिप कर प्रहार ।
भारत संकल्पों की धरती,
संस्कृतियों की शुद्धमना शैली ।
भारत ने संकल्प लिए हैं ,
संयम से एकांतवास के ।
संयम है हथियार हमारा,
विजयी होंगे कर इससे प्रहार।
No comments:
Post a Comment