Thursday, May 14, 2020

लोकल , वोकल और ग्लोबल


आज माननीय प्रधानमंत्री जी ने  अपना उदेश्य भाषण में उद्घृत "local, वोकल एंड Global" नारा  फिर  एक बार भारत के स्वदेशी आंदोलन को पुन: जीवित करके स्वनिर्भरता और एक कदम बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास  है.
Covid- 19panademic virus से  सिर्फ  हम  नहीं  विश्व की लगभग हर  एक  देश कठिन  लड़ाई  लड़  रहे  है , आज  हम  सब बेबस  और  असहाय  है, मगर इस विषम परिथिति में  भारत  एवं इसका  हर  एक  नागरिक अपना  अपनी जिम्मेदारी बखूबी से निर्वाहन कर रहे हैं | ऐसे में बाजार में आवश्यक वस्तु की मांग और पूर्ति द्वारा लोकल बाजार में संतुलन लाने का प्रयास आर्थिक  दृश्टिकोण से एक अभूतपूर्व  प्रयास  है |  "local, vocal एंड Global " की दार्सनिक चिंतन का विषय है . स्थानीय बाजार, उत्पाद तथा उत्पादकता भारत की अर्थव्यवस्था में एक  सशक्त कड़ी है जो भारत की निर्यात की 14% है  तथा  करीब 50 प्रतिशत  के ऊपर  परिजयी  श्रमिक काम करते हैं यही  नहीं संख्या  की दृष्टि से इसकी भूमिका भी अहम्  है. यदि  हम  आज  की जरुरत के हिसाब से इस सेक्टर को अत्याधुनिक   विज्ञान तथा  टेक्नोलॉजी द्वारा  सुसज्जित करें और  दक्षता से इसका  प्रबंधन किया जाए तो हमें विश्वास है की भारत की प्रतिभा एवं असीम  सम्भावना इस देश को विश्व गुरु बनने से रोक नहीं  सकती मगर यह सभी सही निर्णय तथा सटीक क्रिया पर निर्भर करता है| हमें इसके लिए  लोकल सेल्फ गवर्नमेंट को और  मजबूत करना पड़ेगा. इस दिशा में मै  उतर प्रदेश का जिक्र करूँगा | उतर  प्रदेश की सरकार पूर्व में ही एक डिस्ट्रिक्ट , एक उत्पाद ' लाया  है जो की  इस प्रदेश  को उत्तम प्रदेश बनाने में  एक अति आवश्यक निर्णय  था |


No comments:

Post a Comment

Featured Post

सूर्य या चंद्र की खगोलीय घटना होने की संभावना

सुमित कुमार श्रीवास्तव  ( वैज्ञानिक अधिकारी) भारत वर्ष में उपच्छायी चंद्र ग्रहण दिनांक 5 मई 2023 को रात्रि में 8.45 से 1.02 बजे तक दिखाई दे...